रविवार, 24 फ़रवरी 2008

नही भूले

तेरी उम्मीदों में ख़ुद को सजाना नही भूले
तेरी यादो को रातो में हम जगाना नही भूले

मैं वापिस लौट आऊँगा, जो तु इक सदा दे दे
तेरी आवाजों पे हम ख़ुद को भुलाना नही भूले

वो कहते है मुझे पागल, मुझे दीवाना कहते है
हर हाल में हम तेरे दर पे जाना नही भूले

मेरी हर चाह में तु है , तु ही मेरी तमन्ना है
हर रात तुझे हम ख्वाबो में बुलाना नही भूले

तु मुझ बिन अकेली है, मैं तुझ बिन तरसता हूँ
ये फासले अब तक हमे तड़पाना नही भूले

-तरुण

3 टिप्‍पणियां:

  1. तु मुझ बिन अकेली है, मैं तुझ बिन तरसता हूँ
    ये फासले अब तक हमे तड़पाना नही भूले
    bahut badhiya.

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  2. वो कहते है मुझे पागल, मुझे दीवाना कहते है
    हर हाल में हम तेरे दर पे जाना नही भूले...

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  3. that was amazing sh'er... very close to my heart...

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