मंगलवार, 24 मई 2011

उम्र

जब छोटा था तो 
माँ से अक्सर एक ही सवाल पूछता था 
मैं कब पापा जितना बड़ा होऊंगा 
माँ हंसकर उस बात को टाल जाती थी 
फिर जब भी वक़्त मिलता था 
तो आईने के सामने 
खड़े होकर मैं बड़े होने की 
practice भी करता था 
अब जब बड़ा हो गया हूँ तो 
वापिस उस बचपन को ढूढ़ता हूँ 
और अक्सर अपनी उम्र
भूलने की कोशिश भी करता हूँ 
लेकिन जब जब भी 
आईने के सामने आता हूँ 
मेरे सिर के काले बालो 
से निकलकर कुछ सफ़ेद 
मेरी तरफ देखकर मुझे 
मेरी उम्र मुझे बता जाते है ....

-तरुण