बुधवार, 2 जनवरी 2008

एक नज्म - खाली सीट


कुछ इस तरह बदल गया है नसीब मेरा
कल तुम चले गए थे
और आज
जब निकला हूँ एक नए सफर पे
तो देखो इस प्लेन में साथ वाली सीट भी खाली पड़ी है

(written on 31st dec, 2007 on a flight from delhi to taipei)

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