सोमवार, 31 मार्च 2008

कोई बात हमसे किया करो

हर शाम हमसे मिला करो
कोई बात हमसे किया करो

आए है हम भी तेरे शहर में
एक नज़र हमको भी दिया करो

आँखों में मेरी जो ख्वाब है
उन ख्वाबो में दस्तक किया करो

कभी नाम लेकर बुलाओ हमको
कभी याद हमे भी किया करो

बैठे है हम भी तेरी राह में
देखकर हमको भी कुछ कहा करो

कोई बात हमसे भी किया करो

-तरुण

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