सोमवार, 15 दिसंबर 2008

तेरी हर बात मिलें

वो मुझको मिला दे तुझसे ऐसे
कि जब तुम साँस लो
तो मुझको जान मिले
तुम नींद लो
तो मुझको ख्वाब मिले
गुज़रे हवा जब तुमको छूकर
तो मुझको एक एहसास मिले
उतरे चाँद जब तुम्हारे आँगन में
मुझको हर वो रात मिले
हर पल लौटकर गुज़रे जो मेरे मांजी से
तेरी हर वो याद मिले
कुछ ऐसे मिला दे मुझको तुझसे
मुझको तेरी हर बात मिले

-तरुण

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