चाँद को ढूंढे रात हमारी
अकेली है वो तनहा बेचारी
कहाँ छुपा है चाँद
न है अमावस
न उमड़कर आये है बादल
फिर न जाने क्यों दिखता नही है चाँद
अकेली है तन्हा हमारी रात
कहाँ छुपा है चाँद
तारे भी सारे टिम टिम चिडाए
झुरमुट बनाकर वो शोर मचाये
अकेली है वो तनहा बेचारी
कहाँ छुपा है चाँद
न है अमावस
न उमड़कर आये है बादल
फिर न जाने क्यों दिखता नही है चाँद
अकेली है तन्हा हमारी रात
कहाँ छुपा है चाँद
तारे भी सारे टिम टिम चिडाए
झुरमुट बनाकर वो शोर मचाये
इस गली जाये उस गली जाये
फिर न जाने क्यों दिखता नही है चाँद
अकेली है तनहा हमारी रात
tanhai hote hai chandaniyan chand ke bina,nice kavita
जवाब देंहटाएं