देखो अब तुम नही हो
तो कैसे
किरायेदार सी घुस गयी है यह नींद मेरी आंखो में
बस कुछ देर ही ये इधर उधर आवारा सी घूमती है
वरना सारा दिन सारी रात
यह बेरोजगार सी बस आंखो में पड़ी रहती है
कल गया था एम्प्लोय्मेंट एक्सचेंज
इसका नाम लिखवाकर आया हूँ
कोई नौकरी कोई काम मिल जाये इसे तो शायद
कुछ किराया भी मिल जाएगा
वरना कितने महीने हुए है मेरी आंखो में
कोई ख्वाब नही आया है
-तरुण
(written on 31st dec on a flight from delhi to taipei)
तो कैसे
किरायेदार सी घुस गयी है यह नींद मेरी आंखो में
बस कुछ देर ही ये इधर उधर आवारा सी घूमती है
वरना सारा दिन सारी रात
यह बेरोजगार सी बस आंखो में पड़ी रहती है
कल गया था एम्प्लोय्मेंट एक्सचेंज
इसका नाम लिखवाकर आया हूँ
कोई नौकरी कोई काम मिल जाये इसे तो शायद
कुछ किराया भी मिल जाएगा
वरना कितने महीने हुए है मेरी आंखो में
कोई ख्वाब नही आया है
-तरुण
(written on 31st dec on a flight from delhi to taipei)
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