Tarun's World
meri kuch nazme,kuch ghazale, kuch geet aur kuch kavitayen
मंगलवार, 16 अगस्त 2011
बहाना
बहुत मायूस था मैं
न जाने कितने दिनों से
बहुत सोचा मगर कुछ समझ न पाया
पर
आज अचानक
एक पुरानी किताब से
तेरी तस्वीर जो निकली
मूझे जैसे जीने
फिर से एक बहाना मिल गया ..
-तरुण
2 टिप्पणियां:
Unknown
16 अगस्त 2011 को 1:47 am बजे
Bahane acchhe hain..
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Yogi Saraswat
12 मई 2014 को 11:48 pm बजे
kya baat hai
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Bahane acchhe hain..
जवाब देंहटाएंkya baat hai
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