ओ पथीक तू चलते चलना
ओ पथीक तू चलते चलना
बादलों की छाँव न मीलें तो
धुप में तू चलते चलना
ओ पथीक तू चलते चलना
चांदनी की रात न मीलें तो
बनकर दीपक तू जलते चलना
ओ पथीक तू चलते चलना
फूलों से भरी राह न मीलें तो
कांटो पे ही तू चलते चलना
ओ पथीक तू चलते चलना ....
ओ पथीक तू चलते चलना ..
-tarun
(written at Agilent Technologies, Gurgraon in march,2007)
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