हर शाम कुछ ऐसे मुस्कुराती है
कि वो लड़की बहुत याद आती है
चाँद छूपता है जब बादलो में कभी
उसकी शरारते आँखों में छलक आती है
मेरे दरवाज़े पे दस्तक देता है कोई
पर आवाजे अपना रास्ता भूल जाती है
तेरे वादों पे जिऊं कब तक ऐसे
हर साँस ये कहकर लौट जाती है
कुछ ऐसा है तुमसे ये रिश्ता मेरा
मुस्कुराहटें भी आँखे नम कर जाती है
-तरुण
वाह तरुण भाई क्या बात है। वो कौन?
जवाब देंहटाएंहर शाम कुछ ऐसे मुस्कुराती है
कि वो लड़की बहुत याद आती है
सच्ची। सच दिल खुश हो गया पढकर।