वो मुझको मिला दे तुझसे ऐसे
कि जब तुम साँस लो
तो मुझको जान मिले
तुम नींद लो
तो मुझको ख्वाब मिले
गुज़रे हवा जब तुमको छूकर
तो मुझको एक एहसास मिले
उतरे चाँद जब तुम्हारे आँगन में
मुझको हर वो रात मिले
हर पल लौटकर गुज़रे जो मेरे मांजी से
तेरी हर वो याद मिले
कुछ ऐसे मिला दे मुझको तुझसे
मुझको तेरी हर बात मिले
-तरुण
bahut sundar kavita hai , man ko cho gayi
जवाब देंहटाएंbhaav bhi gahare hai
aapko bahut badhai
vijay
http://poemsofvijay.blogspot.com/