meri kuch nazme,kuch ghazale, kuch geet aur kuch kavitayen
गुरुवार, 26 जून 2008
तेरी बातें तुझे सुनायी
साँसों की आवाजों से जब पूछा आवाज़ तेरी ही आयी मन की आँखों से जब देखा तस्वीर नज़र तेरी ही आयी दिल की राहो पे जब चला एक मंजिल तेरी ही पाई तू जो है वो तू ही तो है तेरी ही बातें मैंने हर बार तुझे सुनायी
अच्छा लिखा है तरूण जी। बधाई ।
जवाब देंहटाएंseedhi saral kavita..achchi lagi.
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