तुझसे दिल लगाके हम बहुत रोये
-तरुण
एक पल मुस्कुराके हम बहुत रोये
तेरे सामने तो कुछ कह न सके
अपने घर जाके हम बहुत रोये
बरसो से चुप रहे तो सब ठीक था
अपना हाल सुनाके हम बहुत रोये
कमी तू मुझमे भी बहुत थी लेकिन
तुझको खुदा बनाके हम बहुत रोये
तुझे जाना है जानता था मैं इसीलिए
तुझे नज़र बचाके हम बहुत रोये
wah.....behad khoobsurat andaz hai.....
जवाब देंहटाएंDard ka sadagi bhara sundar andaz,,,
जवाब देंहटाएंwww.poeticprakash.com
कमी तू मुझमे भी बहुत थी लेकिन
जवाब देंहटाएंतुझको खुदा बनाके हम बहुत रोये
achhi lagi aapki ghazal!
तरुण जी बहुत सुन्दर प्रेम का फ़साना ..
जवाब देंहटाएंकमी तो मुझमे ...कर दें न
बरसो से चुप रहे तो सब ठीक था
अपना हाल सुनाके हम बहुत रोये
कमी तू मुझमे भी बहुत थी लेकिन
तुझको खुदा बनाके हम बहुत रोये
तरुण जी बहुत सुन्दर प्रेम का फ़साना ..
जवाब देंहटाएंकमी तो मुझमे ...कर दें न
बरसो से चुप रहे तो सब ठीक था
अपना हाल सुनाके हम बहुत रोये
कमी तू मुझमे भी बहुत थी लेकिन
तुझको खुदा बनाके हम बहुत रोये
sundar rachna....welcome to my blog :)
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर। आपकी भावनाएं काव्य संरचना पर भारी हैं.. इससे पता चलता है कि आप दिल से लिखते हैं।
जवाब देंहटाएंवहुत अच्छे तरुण जी.
जवाब देंहटाएंबरसो से चुप रहे तो सब ठीक था
जवाब देंहटाएंअपना हाल सुनाके हम बहुत रोये
कमी तू मुझमे भी बहुत थी लेकिन
तुझको खुदा बनाके हम बहुत रोये
बहुत सुन्दर शब्द