न कोई बात तुम कहो
न कोई गीत आज गुनगुनाओ
दिल की कोई बात जुबान तक न आने दो
ये जो खामोशी है तन्हाई है
आज इसे बस चुप ही रहने दो
न जाने कब से आँखों में नींद लिए मैं चल रहा हूँ
न जाने कब से जिस्म मेरा टूट रहा है
आज बस मुझको सो जाने दो
वो ख्वाब जो कब से राह देख रहे है
एक बार उन्हें आँखों में आ जाने दो
बहुत थक गया हूँ मैं
अब हर शिकन को भूल जाने दो
एक बार मुझको सो जाने दो
वो ख्वाब जो कब से राह देख रहे है
जवाब देंहटाएंएक बार उन्हें आँखों में आ जाने दो
बहुत थक गया हूँ मैं
अब हर शिकन को भूल जाने दो
एक बार मुझको सो जाने दो
बहुत बढिया!