उसके जैसा हो जाता हूँ
उसके ख्यालो को सोचता हूँ
उसकी आहटो पे चलता हूँ
उसकी आवाजो मैं बोलता हूँ
कोई फिर भी क्यूँ
मेरी तरह नहीं सोचता है ...
मैं उसके गीतों को सुनता हूँ
उसकी साँसों को जीता हूँ
उसके नगमे गाता हूँ
उसके सपनो को लेता हूँ
कोई फिर भी क्यूँ
मेरी तरह नहीं सोचता है...
-तरुण
बहुत खूब सोच, तरुण!
जवाब देंहटाएंsab ki apni apni soch... sundar rachana.. Tarunji
जवाब देंहटाएंbahut hi gehri baat kahi hai Tarun
जवाब देंहटाएंusmein itna kho gaya
main khud ko khud sa nahi lagta
aur wo kehta hai main ussa nahi lagta
-Sheena
Hello Tarun,
जवाब देंहटाएंJab dil mein bagaawat ki bhawna khatam ho jaati hai tabb shayad aisa hota hai... hum sab mein ghulne se lagte hain...
Bahut achha likha hai aapne.
Regards,
Dimple
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