Tarun's World
meri kuch nazme,kuch ghazale, kuch geet aur kuch kavitayen
शुक्रवार, 26 जून 2009
एक बार
अपनी ज़िन्दगी को छोड़कर
अपनी हर खुशी को छोड़कर
जो बैठे है
बस एक तेरा नाम लेकर
एक बार
उनकी तरफ़
भी
आंखे उठाकर
मुस्कुराकर देख लो
देखना फिर
न जाने कितनी
आंखे जगमगाती है
न जाने कितने चेहरे खिल जाते है
और न जाने कितनी जिन्दगियाँ संवर जाती है
-तरुण
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